ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है। ज्ञानपीठ सम्मान दिये जाने का विचार साहू जैन परिवार के उद्योगपति साहू शांतिप्रसाद जैन की 50वीं वर्षगाॅठ पर 22 मई 1961 को पहली बार आया। 16 सितम्बर 1961 को भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती रमा जैन ने इसका प्रस्ताव रखा। 02 अप्रैल 1962 को भारतीय ज्ञानपीठ तथा टाइम्स ऑफ़ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में गोष्ठी के बाद लगातार इस पुरस्कार के स्परूप निर्धारण के बाद अंततः 1965 में पहली बार ज्ञानपीठ पुरस्कार का निर्णय लिया गया।
ज्ञानपीठ पुरस्कार से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
जी शंकर कुरूप (मलयालम कवि) को उनके संकलन ओडक्कुझल (द बैम्बू फ्लूट) के लिए 1965 पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अब तक सर्वाधिक हिंदी के 11 लेखकों को यह सम्मान प्रदान किया गया है उसके बाद 08 कन्नड़ के लेखकों को तथा बंगाली व मलयालम भाषा के 06-06 लेखकों बार यह सम्मान दिया गया है। उर्दु के 05, मराठी, गुजराती, ओड़िया के 04-04 लेखकों को, असमिया, तेलूगू के 03-03 लेखकों को, कोकंणी, संस्कृत, पंजाबी और तमिल के 02-02 लेखकों को तथा कश्मीरी और अंग्रेजी के 01-01 लेखकों को ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया है।
ज्ञानपीठ सम्मान भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल 22 भाषाओं के केवल भारतीय लेखकों को ही प्रदान किया जाता है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान नहीं किया जाता है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार नियमावली के अनुसार एक बार किसी भाषा को पुरस्कार मिलने के बाद वह अगले दो वर्षों तक पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होते हैं।
ज्ञानपीठ सम्मान प्राप्तकर्ता को 11 लाख रूपये (2023 में 17 लाख) और विद्या की देवी वाग्देवी (सरस्वती) की कांस्य प्रतिमा प्रदान की जाती है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला आशापूर्णा देवी (बांग्ला भाषा) थी जिन्हें 1976 में उनके उपन्यास “प्रथम प्रतिश्रुति ” के लिए सम्मानित किया गया था।
अमरकांत व श्रीलाल शुक्ल को पहली बार संयुक्त रूप से 2009 में ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया था।
49 वां पुरस्कार के बाद पुरस्कार के लिए अंग्रेजी भाषा की साहित्यिक कृतियों पर भी विचार किया गया 2019 में अमिताव घोष ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले पहले अंग्रेजी भाषा के लेखक है।
वर्ष 2022 में ज्ञानपीठ सम्मान दामोदर मौजो (कोंकणी भाषा) को प्रदान किया गया।
संस्कृत विद्वान, तुलसीपीठ के संस्थापक रामभद्राचार्य और उर्दु लेखक शायर और गीतकार गुलजार को संयुक्त रूप से वर्ष 2023 के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
1965 से 2023 तक विभिन्न भाषाओं के 63 लेखकों को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2020 में ज्ञानपीठ पुरस्कार नहीं दिया।
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं की सूची
वर्ष | नाम | भाषा |
---|---|---|
1965 | जी शंकर कुरूप | मलयालम |
1966 | ताराशंकर बंधोपाध्याय | बांग्ला |
1967 | के. वी. पुत्तपा | कन्नड़ |
1967 | उमाशंकर जोशी | गुजराती |
1968 | सुमित्रानंदन पंत | हिंदी |
1969 | फिराक गोरखपुरी | उर्दु |
1970 | विश्वनाथ सत्यनारायण | तेलुगु |
1971 | विष्णु डे | बांग्ला |
1972 | रामधारी सिंह दिनकर | हिंदी |
1973 | दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे | कन्नड़ |
1973 | गोपीनाथ महांती | ओड़िया |
1974 | विष्णु सखाराम खांडेकर | मराठी |
1975 | पी. वी. अकिलानंदम | तमिल |
1976 | आशापूर्णा देवी | बांग्ला |
1977 | के.शिवराम कारंत | कन्नड़ |
1978 | अज्ञेय | हिंदी |
1979 | बिरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य | असमिया |
1980 | एस. के. पोट्टेक्काट | मलयालम |
1981 | अमृत प्रीतम | पंजाबी |
1982 | महादेवी वर्मा | हिंदी |
1983 | मस्ती वेंकटेश अयंगार | कन्नड़ |
1984 | तकाजी शिवशंकरा पिल्लै | मलयालम |
1985 | पन्नालाल पटेल | गुजराती |
1986 | सच्चिदानंद राउतराय | ओड़िया |
1987 | विष्णु वामन शिरवाडकर कुसुमाग्रज | मराठी |
1988 | सी. नारायण रेड्डी | तेलुगु |
1989 | कुर्तुलएन हैदर | उर्दु |
1990 | वी. के. गोकक | कन्नड़ |
1991 | सुभाष मुखोपाध्याय | बांग्ला |
1992 | नरेश मेहता | हिंदी |
1993 | सीताकांत महापात्र | ओड़िया |
1994 | यू. आर. अनंतमूर्ति | कन्नड़ |
1995 | एम. टी. वासुदेव नायक | मलयालम |
1996 | महाश्वेता देवी | बांग्ला |
1997 | अली सरदार जाफरी | उर्दु |
1998 | गिरीश कर्नाड | कन्नड़ |
1999 | निर्मल वर्मा | हिंदी |
1999 | गुरूदयाल सिंह | पंजाबी |
2000 | इंदिरा गोस्वामी | असमिया |
2001 | राजेन्द्र केशवलाल शाह | गुजराती |
2002 | दण्डपाणी जयकान्तन | तमिल |
2003 | विंदा करंदीकर | मराठी |
2004 | रहमान राही | कश्मीरी |
2005 | कुँवर नारायण | हिंदी |
2006 | रविन्द्र केलकर | कोंकणी |
2006 | सत्यव्रत शास्त्री | संस्कृत |
2007 | ओ. एन. वी. कुरूप | मलयालम |
2008 | अखलाक मुहम्मद खान शहरयार | उर्दु |
2009 | अमरकांत व श्रीलाल शुक्ल (संयुक्त रूप से) | हिंदी |
2010 | चन्द्रशेखर कम्बार | कन्नड़ |
2011 | प्रतिभा राय | ओड़िया |
2012 | रावुरी भारद्धाज | तेलुगु |
2013 | केदारनाथ सिंह | हिंदी |
2014 | भालचंद्र नेमाडे | मराठी |
2015 | रघुवीर चौधरी | गुजराती |
2016 | शंख घोष | बांग्ला |
2017 | कृष्णा सोबती | हिंदी |
2018 | अमिताव घोष | अंग्रेजी |
2019 | अक्कित्तम अच्युतन नंबूदिरी | मलयालम |
2021 | नीलमणि फूकन | असमिया |
2022 | दामोदर मौजो | कोंकणी |
2023 | रामभद्राचार्य | संस्कृत |
2023 | गुलजार | उर्दु |
प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता – जी.शंकर कुरूप (1965)
हाल के ज्ञानपीठ पुरस्कार (2023) विजेता – रामभद्राचार्य और गुलजार
पहली महिला ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता – आशापूर्णा देवी (1976)
ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले संस्कृत के पहले लेखक कौन है – सत्यव्रत शास्त्री (2006) रामभद्राचार्य (2023)
ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले अंग्रेजी लेखक – अमिताव घोष (2018)
ज्ञानपीठ पुरस्कार से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
#1. ज्ञानपीठ पुरस्कार कब से प्रदान किया जा रहा है?
#2. ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त प्रथम महिला हिन्दी साहित्यकार कौन थी?
#3. ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले हिंदी लेखक कौन थे?
#4. किस भाषा के साहित्यकार को सबसे अधिक बार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है?
#5. वर्ष 2022 में 57वां ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित निबंधकार कौन है?
#6. ज्ञानपीठ पुरस्कार किस क्षेत्र में दिया जाता है?
#7. ज्ञानपीठ पुरस्कार के तहत कितनी राशि पुरस्कृत साहित्यकार को प्रदान की जाती है?
#8. भारतीय संविधान में शामिल किस भाषा के लिए आज तक ज्ञानपीठ पुरस्कार नहीं दिया गया है?
#9. ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले पहले और इकलौते संस्कृत भाषा के लेखक कौन है?
#10. ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली महिला कौन थी?
#11. वर्ष 2023 में 58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार किन्हें दिया गया है?
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