बुकर पुरस्कार (Booker Prize)
बुकर पुरस्कार या मान बुकर पुरस्कार (Man Booker Prize) की स्थापना सन् 1969 में इंग्लैंड की बुकर मैककोनेल लिमिटेड कंपनी द्वारा की गई थी साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के बाद सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है।
इसमें विजेता को 60 हजार पाउंड की राशि प्रदान की जाती है।
सबसे पहला बुकर पुरस्कार 1969 में यूनाईट किंगडम के पी.एच. न्यूबी P.H.Newby को समथिंग टू आंसर फाॅर Something to Answer For के लिए दिया गया था।
अब तक 58 व्यक्तियों को बुकर पुरस्कार दिया गया है जिसमें 05 बार भारतीय मूल के लेखकों को बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
बुकर पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारतीय मूल के लेखकों की सूची
वर्ष | लेखक | कृति | तथ्य |
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1971 | वी.एस. नायपाॅल (V.S.Naipaul) | इन ए फ्री स्टे (In a Free State) | विद्याधर सूरजप्रसाद नायपाॅल त्रित्रिनाद और टोबैगो में जन्मे भारतीय मूल के लेखक थे जिन्हें 2001 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
1981 | सलमान रूश्दी (Salman Rushdie) | मिडनाइट चिल्ड्रेन (Midnight’s Children) | सलमान रूश्दी का जन्म 1947 बाम्बे में हुआ जो ब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार एवं निबंधकार हैं। |
1997 | अरूंधती राॅय (Arundhati Roy) | द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स (The God of Small Things) | मैन बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला। |
2006 | किरण देसाई (Kiran Desai) | द इन्हेरिटेन्स ऑफ लाॅस (The Inheritance of Loss) | किरण देसाई मैन बुकर पुरस्कार जीतने वाली सबसे कम उम्र (35 वर्ष) की महिला है। |
2008 | अरविंद अडिगा (Arvind Adiga) | द व्हाइट टाइगर (The White Tiger) | पहली पुस्तक के लिए मैन बुकर पुरस्कार पाने वाले तीसरे व्यक्ति है। |
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (International Booker Prize)
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार Man Booker International Prize) यूनाइटेड किंगडम में प्रतिवर्ष अंग्रेजी में अनुवादित किसी कृति के सर्वश्रेष्ठ लेखक और अनुवादक को दिया जाता है।
जिसकी शुरूआत 2005 में हुई इसमें विजेता को 50,000 पाउंड की राशि दिया जाता है जिसे लेखक और अनुवादक के बीच समान रूप से विभाजित की जाती है।
सबसे पहला अंतराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2005 में अल्बानिया के लेखक इस्माइल कदारे (Ismail Kadare) को दिया गया था।
गीताजंलि श्री (Geetanjali Shree) (गीताजंलि पांडे) द्वारा मूल रूप से 2018 में लिखी गई “रेत समाधि” का डेजी राॅकवेल (Daisy Rockwell) द्वारा अंग्रेजी में अनुवादित टाॅम्ब ऑफ सैंड (Tomb of Sand) को वर्ष 2022 में सम्मानित होने वाली भारतीय भाषा में लिखी गई पहली पुस्तक है जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिया गया है।
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