सिंधु घाटी सभ्यता :- विश्व की प्राचीनतम नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता है हड़प्पा सभ्यता भारत की भूमि पर लगभग 13 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में त्रिभुजाकार रूप में फैली हुई थी। यह उत्तर में मांडा (जम्मू कश्मीर), दक्षिण में दैमाबाद (महाराष्ट्र), पूर्व में आलमगीरपुर (उत्तरप्रदेश) तथा पश्चिम में सुत्कागेंडोर (पाकिस्तान) तक फैली हुई थी।
सर जाॅन मार्शल ने इन स्थानों का उत्खनन आरंभ करवाया था इसे मिस्त्र, मेसोपोटामिया की सभ्यता के समकालीन माना जाता है। हड़प्पा की खोज सर्वप्रथम होने के कारण इसे हड़प्पा संस्कृति के नाम से पुकारा जाता है।
आरंभिक उत्खन्न सिन्धु नदी के आसपास होने से इसे सिन्धु घाटी सभ्यता भी कहा जाता है। वैज्ञानिक मान्यता कार्बन-14 के अनुसार सिन्धु घाटी सभ्यता की कालावधि 2300-1750 ई.पू. माना जाता है। सिंधु घाटी सभ्यता भारत की पहली नगरीय सभ्यता थी।
सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख नगर जो वर्तमान में स्थित है –
- हडप्पा, मोहनजोदड़ो, चन्हूदड़ो, कोटदीजी, रेहड़ी, मेहरगढ़, सुत्कागेंडोर, बालाकोट, अमरी, निन्दोवाड़ी, अलाहदीनो, – पाकिस्तान
- शोर्तूगोयी, मुंदिगाक – अफ़गानिस्तान
- लोथल, रंगपुर, सुरकोतड़ा, रोजदी, देसलपुर, सुरकोटड़ा, धौलावीरा – गुजरात
- कालीबंगा – राजस्थान
- बनवाली, राखीगढ़ी, भिरड़ाणा – हरियाणा
- रोपड़, बाड़ा, संघोंल – पंजाब
- आलमगीरपुर – उत्तर प्रदेश
- सांगली – महाराष्ट्र
सिंधु घाटी सभ्यता की विरासत
सिंधु घाटी सभ्यता के प्रचलित नाम
सैंधव सभ्यता, सिन्धु घाटी सभ्यता, मेलुहा सभ्यता, कांस्ययुगीन सभ्यता
परिवार- मातृसत्तात्मक
सिंधु घाटी सभ्यता का धार्मिक जीवन –
यहां के निवासी प्रकृति के उपासक, धरती को उर्वरता की देवी समझते थे और इसकी पूजा करते थे। मुख्य इष्ट देव – मातृदेवी (भूमि) अन्य देवता में पशुपति, कुबड़ वाला बैल, पीपल वृक्ष है, किन्तु सिन्धु घाटी सभ्यता में आज तक कोई मंदिर नहीं मिला है। सिंघु घाटी सभ्यता के लोग शवों का जलाया करते थे। लोथल और कालीबंगा आदि स्थलों में हवन कुंड मिले हैं जो कि उनके वैदिक होने का प्रमाण है। यहां स्वास्तिक के चित्र भी प्राप्त हुए हैं।
पशु एवं पक्षी – हड़प्पा सभ्यता के लोगों का अन्य व्यवसाय पशुपालन था। पालतू पशु में बैल, भैंस, बकरी, भेड़, कुत्ता, बिल्ली, ऊँट था। पक्षियों में बत्तख, मोर, तोता, कबुतर आवागमन के प्रमुख साधनों में बैलगाड़ी, भैंसगाड़ी का प्रयोग करते थे। इन लोगों को घोड़े की जानकारी नहीं थी।
सिंधु घाटी सभ्यता की लिपिः-
भाव-चित्रात्मक है। यह लिपि प्रथम पंक्ति में दाएँ से बाएँ तथा दूसरी पंक्ति में बाएँ से दाएँ लिखी गई हैं। इस लेखन पद्धति को बुस्त्रोफेदम कहा गया है। इसे अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है।
सिंधु घाटी सभ्यता का आर्थिक जीवन-
सिंधु घाटी सभ्यता की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान थी, इसके अतिरिक्त व्यापार एवं पशुपालन था। यही के निवासियों ने सबसे पहले कपास की खेती करना शुरू किया था जिसे यूनान के लोगों ने सिन्डन कहने लगे। अन्य फसल धान, गेहूं, सरसों, तिल आदि है। जल एवं थल दोनों मार्ग के द्वारा व्यापार हुआ करता था। इस सभ्यता के लोग मेसोपोटामिया, मिस्त्र, ईरान, रोम से व्यापार करते थे। तौल या तराजू माप तौल की इकाई थी। बाट घनाकार था।
सिंधु घाटी सभ्यता का नगर एवं मकान मालिक –
नगरों में पक्की सड़के, जो एक दूसरे को समकोण काटती थी। पक्की नालियाॅं बनी थी। नगरों में जल निकासी की व्यवस्था भी काफी विकसित थी। घर पक्की ईंटों से बने थे। अलग से रसोई व स्नानगृह बने हुए थे। मकान के मुख्य द्वार सड़क के पीछे खुलता था।नगरों के मकान, बाजार, भंडार घर, सार्वजनिक स्नानागार सभी अत्यंत व्यवस्थित रूप से बनाए गए थे। कालीबंगा के अनके घरों में कुंए थे। कालीबंगा में नगर के दक्षिण भाग में ईंटों के चबूतरें बने है।
सिंधु घाटी सभ्यता का शिल्पकला, मुद्रा एवं आभूषण-
हड़प्पा के लोग कांसे की ढलाई के काम में प्रवीण थे। हड़प्पा के लोग मिट्टी की मूर्तियाँ भी बनाते थे कालीबंगा और लोथल में पाई गई नारी मूर्तियाँ हड़प्पा और मोहनजोदड़ो में पाई गई मातृदेवी की मूर्तियाँ से अलग तरह के है। इसके अलावा मिट्टी की बनी पहिएदार गाड़ियां, पशु पक्षियाँ की आकृतियाँ, खेलने के पास, गिट्यिाँ इस सभ्यता के लोगों को लोहे की जानकारी नहीं थी। पत्थर की मूर्तियों में दो पुरूष प्रतिमाएं हैं जिनमें से एक पुरूष धड़ है जो लाल चूना पत्थर से तथा दूसरी दाढ़ी वाले पुरूष की आवक्ष मूर्ति सेलखड़ी की बनी है। इस सभ्यता के लोगों को मूर्तिकला और चित्रकला का ज्ञान था। मुद्रा सेलखड़ी की है जो अधिकांश चैकोर है। मुद्राओं में एक सींग वाले साँड, हाथी, जंगली भैंस आदि पशुओं की आकृतियाँ बनी हुई है। हड़प्पा के लोग गले के हार, बाजूबंद, अंगूठियों, पैजनियाँ पहने करते थे। सिंधु घाटी की मूर्ति व प्रतिमा में नर्तकी की मूर्ति, वृषभ प्रतिमा, पुरूष धड़, मातृका आदि है।
सिंधु घाटी सभ्यता की समकालीन सभ्यता –
मिस्र, मेसोपोटामिया, यूनानी और चीनी
सिंधु घाटी के पतन का कारण –
सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के पीछे विभिन्न तर्क दिये जाते है।जैसे बाढ़ व जलवायु परिवर्तन, आक्रमण, महामारी, भूकम्प, पारिस्थितिक असंतुलन, भौगोलिक परिवर्तन आदि।
सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (Sindhu Ghati Sabhyata GK in Hindi)
(1) हड़प्पा सभ्यता का का काल क्या माना जाता है?
उत्तर – 2500 से 1750 ई.पू.
(2) हड़प्पावासी किस वस्तु के उत्पादन में सर्वप्रथम थे?
उत्तर – कपास
(3) सिन्धु घाटी सभ्यता से अभी तक किस धातु की प्राप्ति नहीं हुई है?
उत्तर – लोहा
(4) किस हड़प्पाकालीन स्थल से नृत्य मुद्रा वाली स्त्री की कांस्य मूर्ति प्राप्त हुई है?
उत्तर – मोहनजोदड़ो
(5) हड़प्पावासी किन-किन धातुओं का आयात करते थे?
उत्तर – तांबा, चांदी, सोना, टिन, सीसा, लाजवर्त
(6) सिन्धु घाटी सभ्यता का पत्तननगर (बंदरगाह) कौन सा था?
उत्तर- लोथल
(7) हड़प्पा सभ्यता की खोज किस वर्ष में हुई है?
उत्तर – 1921 में
(8) हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति थी?
उत्तर – उचित समतावादी
(9) सिंध का बाग/नखलिस्तान हड़प्पा सभ्यता के किस पुरास्थल को कहा गया है?
उत्तर – मोहनजोदड़ो
(10) हड़प्पा सभ्यता के अंतर्गत हल से जोते गये खेत का साक्ष्य कहां से मिला है?
उत्तर – कालीबंगा
(11) सिन्धु सभ्यता में वृहत स्नानागार पाया गया है?
उत्तर – मोहनजोदड़ो
(12) सिन्धु घाटी सभ्यता की ईटों का अलंकरण किस स्थान से मिला है?
उत्तर – कालीबंगा
(13) मोहनजोदड़ो कहां स्थित है?
उत्तर-सिंधु नदी के तट पर
(14) सिन्धु सभ्यता के घर किससे बनाए जाते थे?
उत्तर – ईंट से
(15) हड़प्पा सभ्यता के निवासी थे?
उत्तर – शहरी
(16) सिन्धु घाटी सभ्यता में किस स्थल से युगल शवाधान/द्विशव संस्कार का प्रमाण मिला है?
उत्तर – लोथल
(17) किस पशु के अवशेष सिंधु घाटी सभ्यता में प्राप्त नहीं हुई हैं?
उत्तर – शेर
(18) हड़प्पा में एक उन्नत जल-प्रबंधन प्रणाली का पता चलता है?
उत्तर – धौलावीरा में
(19) मांडा किस नदी के किनारे स्थित था?
उत्तर – चेनाब
(20) भारत में खोजा गया सबसे पहला पुराना शहर था?
उत्तर – हड़प्पा
(21) मोहनजोदड़ो का स्थानीय नाम है?
उत्तर – मृतकों का टीला
(22) सिंधु सभ्यता की मुद्रा में किस देवता के समतुल्य चित्राकंन मिलता है?
उत्तर – आद्य शिव
(23) हड़प्पा के मिट्टी के बर्तनों पर सामान्यतः किस रंग का उपयोग होता था?
उत्तर – लाल रंग
(24) हड़प्पा सभ्यता का सर्वाधिक उपयुक्त नाम क्या है?
उत्तर – सिन्धु घाटी सभ्यता
(25) सिन्धु घाटी सभ्यता के किस स्थल से घरों में कुंओं के अवशेष मिले हैं?
उत्तर – मोहनजोदड़ो
(26) रंगपुर जहां हड़प्पा की समकालीन सभ्यता थी स्थित है?
उत्तर – सौराष्ट्र में
(27) सिंधु घाटी के लोग विश्वास करते थे?
उत्तर – मातृशाक्ति में
(28) सिंघु घाटी सभ्यता किस युग में पड़ता है?
उत्तर – आद्य ऐतिहासिक काल
(29) हड़प्पा सभ्यता का प्रचलित नाम है?
उत्तर – सिन्धु घाटी की सभ्यता
(30) सिन्धु घाटी सभ्यता जानी जाती है?
उत्तर – अपने नगर नियोजन के लिए
(31) भारत में चांदी की उपलब्धता के प्राचीनतम प्रमाण मिलते है?
उत्तर – हड़प्पा सभ्यता में
(32) हड़प्पा सभ्यता में तांबे का रथ किस स्थान से प्राप्त हुआ है?
उत्तर – दैमाबाद
(33) किस हड़प्पाकालीन स्थल से पुजारी के प्रस्तर मूर्ति प्राप्त हुई है?
उत्तर – हड़प्पा
(34) सिन्धु घाटी सभ्यता के मुहरों में किस पशु का सर्वाधिक उत्कीर्णन हुआ है?
उत्तर – बैल
(35) सिन्धु घाटी सभ्यता में एकमात्र स्थल कौन सा है जहां वक्राकार ईंटें मिले हैं?
उत्तर – चन्हूदड़ो
(36) हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो की पुरातात्विक खुदाई के प्रभारी थे?
उत्तर – सर जाॅन मार्शल
(37) सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों ने नगरों एवं घरों के विन्यास के लिए किस पद्धति का उपयोग किया था?
उत्तर – ग्रीड पद्धति
(38) भारत में सबसे अधिक हड़प्पाकालीन स्थलों की खोज किस राज्य में हुई है?
उत्तर – गुजरात
(39) हड़प्पा के लोग लाजवर्द (भवन निर्माण सामाग्री) का आयात करते थे?
उत्तर – मेसोपोटामिया
(40) तांबे की कुल्हाड़ी का साक्ष्य कहां मिला था?
उत्तर – रोपड़ से
(41) कालीबंगा का अर्थ क्या है?
उत्तर – काले रंग की चूड़ियाँ
(42) विश्व में सर्वप्रथम कहां के निवासी कपास की खेती प्रारंभ किये थे?
उत्तर – सिन्धु घाटी सभ्यता
(43) सिन्धु घाटी सभ्यता में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पशु कौन था और जिसकी पूजा की जाता थी?
उत्तर – कूबड़ वाला सांड का
(44) हड़प्पा की लिपि कौन सी थी?
उत्तर – भाव चित्रात्मक (बु्रस्त्रोफेदम)
(45) सिन्धु घाटी सभ्यता में अलंकृत हाथी कहां से मिले थे?
उत्तर – चन्हूदड़ो
(46) एक कुत्ते के बिल्ली का पीछा करते हुए पद चिन्ह कहां से मिला था?
उत्तर – चन्हूदड़ो
(47) मिट्टी की चूड़ियां कहां से मिला था?
उत्तर- सुत्कागेंडोर
(48) घोड़े की अस्थियां के अवशेष मिला था?
उत्तर – सुरकोटदा
(49) विशाल स्नानागार की खोज किसने किया था?
उत्तर – सर जाॅन मार्शल
(50) सिन्धु घाटी सभ्यता का अंत होने का कारण क्या-क्या था?
उत्तर – आर्य आक्रमण, बाढ़, जलवायु परिवर्तन, महामारी
- सिंधु सभ्यता की खोज किस वर्ष व किनके द्वारा खोजा गया था –1921 में रायबहादुर दयाराम साहनी के द्वारा
- सिन्धु सभ्यता या सैंधव सभ्यता कैसी सभ्यता थी – नगरीय
- सिंधु घाटी सभ्यता की पहली साइट कौन है जिसे यूनेस्को के विश्व विरासत में शामिल किया गया है – धौलावीरा (2021 में)
- सिन्धु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल कौन सा है – मोहनजोदड़ो
- सिन्धु घाटी सभ्यता का बंदरगाह कौन कौन था – लोथल एवं सुतकोतदा
- जुते हुए खेत और नक्काशीदार ईंटों का प्रयोग का साक्ष्य कहां प्राप्त हुआ था – कालीबंगा
- सिन्धु सभ्यता या सैंधव सभ्यता का सबसे बड़ी इमारत कौन सी है – मोहनजोदड़ो का स्नानागार
- सिन्धु सभ्यता के लोग मीठास के लिए उपयोग करते थे – शहद का
- हड़प्पा सभ्यता का शासन किनके हाथों में था – वणिक वर्ग
- मनके बनाने के कारखाने कहां मिले है – लोथल एवं चन्हूदड़ो
- सिंध का बाग व नखलिस्तान सिन्धु सभ्यता के किस स्थल को कहा गया है – मोहनजोदड़ो
- सिन्धु घाटी सभ्यता का किस युग से संबंधित है – आद्यऐतिहासिक काल
- सर्वप्रथम मानव के द्वारा किस धातु से औजार बनाया गया था – तांबा
- सैंधव सभ्यता में मृतकों का टीला किसे कहा गया है – मोहनजोदड़ो
- भारतीय इतिहास में सबसे पहले कौन सा सिन्धु घाटी स्थल खोजा गया था – हड़प्पा
- सिन्धु घाटी सभ्यता का संपूर्ण क्षेत्र का आकार किस प्रकार का है – त्रिभुजाकार
- सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों को किसकी जानकारी नहीं थी – लोहा
- आग से पकी हुई मिट्टी को क्या कहा जाता है – टेराकोटा
- कालीबंगा का अर्थ क्या है – काली चूड़ियां
- सिन्धु सभ्यता के लोग किस मिट्टी का बर्तन बनाते थे – लाल मिट्टी
- सिंधु सभ्यता के लोग किस वस्त्र का प्रयोग करते थे – सूती एवं ऊनी वस्त्र
- मेसोपोटामिया के अभिलेखों में वर्णित मेलूहा शब्द का तात्पर्य है – सिन्धु सभ्यता
- सिन्धु सभ्यता में तौल के इकाई का अनुपात क्या था – 16 के अनुपात में
- मिट्टी से बने हल का साक्ष्य कहां मिला – बनवाली
- सिन्धु घाटी सभ्यता में हवन कुंड कहां मिला – कालीबंगा
- मालिक के साथ कुत्ते को दफनाने का साक्ष्य कहां मिला – रोपड़
- सिन्धु सभ्यता में मुख्य फसल थी – गेहूं और जौ
- सिन्धु सभ्यता के नगरों तथा घरों के विन्यास के लिए कौन सी पद्धति अपनायी थी – ग्रीड पद्धति
- स्वास्तिक चिन्ह किस सभ्यता की देन है – हड़प्पा सभ्यता
- सिन्धु सभ्यता की मोहरे किससे बनी थी – सेलखड़ी
- हड़प्पा में किस प्रकार के कब्रिस्तान मिले थे – R-37 व H
- हड़प्पा किस नदी के तट पर स्थित है – रावी
- हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चन्हूदड़ो वर्तमान में कहां स्थित है – पाकिस्तान में
- सिन्धु घाटी सभ्यता किस युग से संबंधित है – ताम्र एवं कांस्य युग
- चावल के दाने कहां से मिले है – रंगपुर एवं लोथल
- सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग यातायात के लिए किसका उपयोग करते थे – बैलगाड़ी व भैंसागाड़ी
- चन्हूदड़ो की खोज कब और किसने किया था – गोपाल मजुमदार (खोज के दौरान मृत्य) द्वारा 1931 में
- सिंघु घाटी सभ्यता का एकमात्र पुरास्थल कौन है जहां से वक्राकार ईंटे मिली थी – चन्हूदड़ो
- सिंधु घाटी सभ्यता का औद्योगिक नगर कौन सा था – चन्हूदड़ो
- लोथल की खोज कब और किसने किया था – रंगनाथ राव ने 1957-58 में
- हड़प्पा सभ्यता का बंदरगाह शहर कौन सा था – लोथल
- हड़पा सभ्यता में कहां यज्ञ वेदिकाएं या हवन कुंड मिला था – कालीबंगा
- कालीबंगा की खोज कब और किसने किया था – अमलानंद घोष, बी.बी.लाल, बी.के.थापर द्वारा 1953
- जूते हुए खेत का साक्ष्य कहां पर मिला था – कालीबंगा
- कालीबंगा किसी नदी के तट पर स्थित है – राजस्थान के घघ्घर नदी के तट पर
- बनवाली की खोज किसने किया था – रविन्द्र सिंह विष्ट ने 1973 में
- चावल (धान) के साक्ष्य कहां मिला था – रंगपुर में
- मालिक के साथ कुत्ते को दफनाने का साक्ष्य कहां मिला – रोपड़ पंजाब में
- सिंधु घाटी सभ्यता में परिवार कैसा था – मातृसत्तात्मक
- सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य इष्ट देव था – मातृदेवी (भूमि) अन्य देवता पशुपति, कुबड़ वाला बैल, पीपल वृक्ष
- सिंधु घाटीसभ्यता का पालतू पशु – बैल, भैंस, बकरी, कुत्ता, भेड़, बिल्ली
- सिंधु घाटी सभ्यता का पक्षी – बत्तख, मोर, तोता, कबुतर
- सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य व्यवसाय – कृषि इसके अतिरिक्त व्यापार, पशुपालन
- सिन्डन सभ्यता किसे कहा जाता है – कपास के उत्पादन के कारण इस सभ्यता को यूनानियों के द्वारा सिन्डन सभ्यता कहा जाता है। मेसोपीटामिया द्वारा इस सभ्यता को मेलुहा कहा जाता था।
- सिंधु घाटी सभ्यता में कपास का निर्यात किस देश में किया जाता था – रोम
- सिंधु घाटी सभ्यता की प्रचलित मुहरें किससे निर्मित थे – सेलखड़ी से
- सिंधु घाटी सभ्यता की समकालीन सभ्यता कौन सी थी – मिस्र, मेसापोटामिया, यूनानी, चीनी
सिंधु घाटी सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थल (हड़प्पा सभ्यता)
[1] स्थल – हड़प्पा
खोजकर्ता – दयाराम साहनी
खोज वर्ष – 1921
नदी – रावी
वर्तमान स्थिति – पाकिस्तान
महत्वपूर्ण तथ्य – सिन्धु घाटी सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा नगर व द्वितीय राजधानी, दो प्रकार के कब्रिस्तान R-37 व H तांबा गलाने की भट्टी, अन्नागार, तांबे का पैमाना, कांस्य की इक्कागाड़ी, दो कतारों मेें कुल 12 अन्न भण्डार, प्रसाधान बाक्स, काजल की डिबिया सर्वप्रथम इस स्थान की खोज के कारण इसे हड़प्पा सभ्यता कहा जाता है।
[2] स्थल – मोहनजोदड़ो
खोजकर्ता – राखलदास बनर्जी
खोज वर्ष – 1922
नदी – सिंधु
वर्तमान स्थिति – पाकिस्तान
महत्वपूर्ण तथ्य – हड़पा सभ्यता की राजधानी व सबसे बड़ा नगर। इसे सिंध का बाग व नख्लीस्तान भी कहा जाता है। विशाल अन्नागार सबसे विशाल भवन, सूती धागा, गेहूं, जौ, विशाल स्नानागार, सभाभवन, कांसे की नृत्यरत नारी की मूर्ति, पुजारी(योगी)की मूर्ति, मुद्रा पर अंकित पशुपतिनाथ (शिव) अंतिम स्तर पर बिखरे हुए एवं कुएं में प्राप्त नरकंकाल, सड़क के मध्य कुम्हार का आंवा, गीली मिट्टी पर कपड़े का साक्ष्य।
[3] स्थल – चन्हूदड़ो
खोजकर्ता – गोपाल मजूमदार
खोज वर्ष – 1931
नदी – सिंधु
वर्तमान स्थिति – पाकिस्तान
महत्वपूर्ण तथ्य – सिन्धु घाटी सभ्यता का औद्यौगिक नगर, एकमात्र स्थान जहां वक्राकार ईंटें मिली। कंघा, काजल, मनका बनाने का कारखाना, दवात, झूकर एवं झांगर संस्कृति के प्रमाण। अलकृंत हाथी, खिलौना एक कुत्ते के बिल्ली का पीछा करते पद्-चिन्ह।
[4] स्थल – रंगपुर
खोजकर्ता – रंगनाथ राव
खोज वर्ष – 1953-54
नदी – सुकभादर
वर्तमान स्थिति – गुजरात
महत्वपूर्ण तथ्य – चावल (धान) की भूसी, कच्ची ईंटों के दुर्ग, बाट
[5] स्थल – रोपड़
खोजकर्ता – यज्ञ दत्त शर्मा
खोज वर्ष – 1953-56
नदी – सतलज
वर्तमान स्थिति – पंजाब
महत्वपूर्ण तथ्य – मानव के साथ कुत्ते दफनाने का प्रमाण, तांबे की कुल्हाड़ी,आभूषण
[6] स्थल – लोथल
खोजकर्ता – रंगनाथ राव
खोज वर्ष – 1954
नदी – भोगवा
वर्तमान स्थिति – गुजरात
महत्वपूर्ण तथ्य – शवाधान, रंगाई का कुंड, नाव, कौआ व लोमड़ी का चित्रित मृदभांड, फारस की मुहरें बदंरगाह, मनके बनाने का कारखाना, धान (चावल) का साक्ष्य, फारस की मोहर, घोड़े की लघु मृण्मूिर्त, हाथीदांत का पैमाना
[7] स्थल – कोटदीजी
खोजकर्ता – फजल अहमद
खोज वर्ष – 1953
नदी – सिंधु
वर्तमान स्थिति – पाकिस्तान
महत्वपूर्ण तथ्य – पत्थर के वाणाग्र
[8] स्थल – आलमगीरपुर
खोजकर्ता – यज्ञ दत्त शर्मा
खोज वर्ष – 1958
नदी – हिंडन
वर्तमान स्थिति – उत्तरप्रदेश
महत्वपूर्ण तथ्य – साँप तथा रीछ की मृण्मूति
[9] स्थल – कालीबंगा
खोजकर्ता – अमलानंद घोष, बी.बी.लाल एवं बी.के.थापर
खोज वर्ष – 1951-1961
नदी – घग्गर
वर्तमान स्थिति – राजस्थान
महत्वपूर्ण तथ्य – जुते हुए खेत, यज्ञ वेदिकाएं हवन कुंड, पक्की ईंटें, अलंकृत फर्श ईटों से निर्मित चबूतरे, अन्नागार, घरों के निर्माण में कच्ची ईंटो का प्रयोग।
[10] स्थल – धौलावीरा
खोजकर्ता – जे.पी.जोशी व रविन्द्र सिंह बिष्ट
खोज वर्ष – 1967-68 से 1990-91
नदी – मानहर एवं मानसर
वर्तमान स्थिति – गुजरात
महत्वपूर्ण तथ्य – पाॅलिशदार श्वेत पाषाण खण्ड,स्टेडियम सैन्धव लिपि के दस बड़े अक्षर, लम्बा जलाशय, जलकुंड
[11] स्थल – बनावली
खोजकर्ता – रविन्द्र सिंह बिष्ट
खोज वर्ष – 1974
नदी – रंगोई
वर्तमान स्थिति – हरियाणा
महत्वपूर्ण तथ्य – मिट्टी का खिलौना, मातृदेवी की मृण्मूर्ति हल की आकृति, जौ, तिल तथा सरसों का ढेर, सड़कों और जल निकास के अवशेष
[12] स्थल – सूतकोतड़ा
खोजकर्ता – जगपति जोशी
खोज वर्ष – 1964
वर्तमान स्थिति – गुजरात
महत्वपूर्ण तथ्य – घोड़े की हड्डी, बर्तन में शवाधान मानवअस्थराख से भरा बर्तन, तांबे की कुल्हाड़ी, मिट्टी निर्मित चूड़ियां बर्तन