भारत के प्राचीन इतिहास में प्रगऐतिहासिक काल सिंधु घाटी सभ्यता 2300-1750 ईसा पूर्व के बाद वैदिक काल ऋग्वैदिक काल 1500-1000 ई.पू. उसके उपरांत उत्तर वैदिक काल 1000-500 ई.पू. एवं 16 महाजनपदों में अनेक राजा एवं महाराजों ने भारत में अनेक राजवंशों की स्थापना किये।
कालातंर में भारत में साम्राज्यों का उदय है मगध में बिम्बिसार ने हर्यक वंश की स्थापना किया।
इस लेख में प्राचीन भारत के प्रमुख वंश एवं उनके संस्थापक की सूची के साथ Pdf में है। India Dynasties, Founders and their Capitals in Hindi
भारत के प्रमुख राजवंश, संस्थापक एवं उनके राजधानी
| क्रमांक | वंश | संस्थापक | राजधानी |
|---|---|---|---|
| 1 | मगध राजवंश | महाराजा मगध | मगध |
| 2 | बृहद्रथ राजवंश | बृहद्रथ | मगध |
| 3 | प्रद्योत राजवंश | प्रद्योत | मगध |
| 4 | हर्यक वंश | बिम्बिसार | गिरीब्रज, राजगृह |
| 5 | शिशुनाग वंश | शिशुनाग | वैशाली |
| 6 | नंद वंश | महापद्मनंद | पाटलिपुत्र |
| 7 | मौर्य वंश | चन्द्रगुप्त मौर्य | पाटलिपुत्र |
| 8 | शुंग वंश | पुष्यमित्र शुंग | विदिशा पाटलिपुत्र |
| 9 | कण्व वंश | वासुदेव कण्व | पाटलिपुत्र |
| 10 | सातवाहन या आंध्र वंश | सिमुक | प्रतिष्ठान |
| 11 | करधामक वंश | मालवा क्षत्रप | उज्जयिनी |
| 12 | शालंकायन वंश | नंदी वर्मन | बेंगी |
| 13 | कुषाण वंश | कुजल कडफिसेस | पुरूषपुर (पेशावर) |
| 14 | गुप्त वंश | श्रीगुप्त | पाटलिपुत्र |
| 15 | हूण वंश | तोरमाण | स्यालकोट (शाकल) |
| 16 | पुष्यभूति / वर्धन वंश | पुष्यभूति | थाणेश्वर, कन्नौज |
| 17 | वाकाटक वंश | विन्ध्य शक्ति | पुरिका/प्रवरपुर |
| 18 | नाग वंश | भवनाग | पद्मावती, झाँसी |
| 19 | त्रिकूटक वंश | इन्द्रदत्त | अनिरूद्धपुर, नासिक |
| 20 | विष्णुुकुंडिन वंश | विकमेन्द्र प्रथम | विष्णुकंडिन (आंध्रप्रदेश) |
| 21 | पांड्य वंश | नेडियोन | मदुरै |
| 22 | चोल वंश | विजयालय | तंजौर |
| 23 | पल्लव वंश | सिंह वर्मन चतुर्थ | काँचीपुरम् |
| 24 | राष्ट्रकूट | दंतिदुर्ग | मान्यखेट |
| 25 | चालुक्य (कल्याणी) | विजयादित्य | मान्यखेट/कल्याण |
| 26 | चालुक्य (बादामी) | जयसिंह प्रथम | वातापी |
| 27 | चालुक्य (बेंगी) | विष्णुवर्धन | बेंगी |
| 28 | होयसल वंश | विष्णुवर्धन | द्वार समुद्र |
| 29 | यादव वंश | विल्लभ-पंचम | देवगिरि |
| 30 | कद्म्ब वंश | मयूर शर्मन | वनवासी |
| 31 | काकतीय वंश | बीटा प्रथम | अमकोण्ड |
| 32 | गंग वंश | ब्रजहस्त प्रथम | कुवलाल व तलकाड |
| 33 | पाल वंश | गोपाल | मुंगेर |
| 34 | सेन वंश | सामंत सेन | लखनौती, काशीपुर |
| 35 | उत्पल वंश | अवंति वर्मन | कश्मीर |
| 36 | लोहर वंश | संग्रामराज | कश्मीर |
| 37 | बर्मन वंश | पुष्यवर्मन | प्रागज्योतिषपुर |
| 38 | गुर्जर प्रतिहार वंश | हरीशचंद्र | कन्नौज |
| 39 | चोल वंश | विजयालय | उरैयूर |
| 40 | पांड्य वंश | नेडियोन | मदुरा |
| 41 | गाहड़वाल वंश | चन्द्रदेव | वाराणसी |
| 42 | चौहान वंश | वासुदेव | अजमेर |
| 43 | परमार वंश | उपेन्द्र कृष्णराज | धार, उज्जैन |
| 44 | प्रतिहार राजवंश | नागभट्ट प्रथम | उज्जैन |
| 45 | चंदेल वंश | नन्नुक | खजुराहो/कालिंजर |
| 46 | सोलंकी वंश | मूलराज प्रथम | अन्हिलवाड़ |
| 47 | कलचुरी वंश | कोकल्ल प्रथम | त्रिपुरी |
| 48 | कुतुबी वंश (गुलाम वंश) | कुतुबुद्दीन ऐबक | दिल्ली, लौहार |
| 49 | शमशी वंश (गुलाम वंश) | इल्तुतमिश | दिल्ली |
| 50 | बलबनी वंश (गुलाम वंश) | ग्यासुद्दीन बलबन | दिल्ली |
| 51 | खिलजी वंश | जलालुद्दीन खिलजी | दिल्ली |
| 52 | तुगलक वंश | गयासुद्दीन तुगलक | दिल्ली |
| 53 | सैय्यद वंश | खिज्र खाँ सैय्यद | दिल्ली |
| 54 | लोदी वंश | बहलोल लोदी | दिल्ली |
| 55 | संगम वंश | हरिहर एवं बुक्का | विजयनगर |
| 56 | सुलुव वंश | नरसिंह सुलुव | विजयनगर |
| 57 | तुलव वंश | वीर नरसिंह | विजयनगर |
| 58 | अरावीडु वंश | तिरूमल | पेनुकोंडा |
| 59 | बहमनी वंश | बहमन शाह | गुलबर्गा, बीदर |
| 60 | आदिलशाही वंश | आदिलशाह | बीजापुर |
| 61 | निजामशाही | मलिक अहमद | अहमदनगर |
| 62 | इमादशाही फतेहउल्ला | इमादशाह | बरार |
| 63 | कुतुबशाही वंश | कुली कुतुबशाह | गोलकुण्डा |
| 64 | बरीदशाही | अमीर अली बरीद | बीदर |
| 65 | शर्की वंश | मलिक सरवर | जौनपुर |
| 66 | मुगल वंश | बाबर | दिल्ली, आगरा |
| 67 | भोंसले वंश | शिवाजी | रायगढ़ |
| 68 | गायकवाड़ वंश | पिलाजी गायकवाड़ | बड़ौदा |
Pramukh Rajvansh Sansthapak Rajdhani FAQ
1. हर्यक वंश के संस्थापक कौन थे?
हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार थे उन्होंने 544 ई. में प्रद्योत राजवंश के अंतिम शासक महाराजा वर्तिवर्धन की हत्या कर मगध में हर्यक वंश की स्थापना की। बिम्बिसार ने मगध पर 52 वर्षों तक शासन किया।
2. मौर्य वंश की स्थापना किसने और कब की थी?
मौर्य वंश की स्थापना चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में चाणक्य (कौटिल्य/विष्णुगुप्त) की सहायता से नंद वंश के अंतिम शासक घनानंद को पराजित कर मगध पर मौर्य वंश की स्थापना की। मौर्य राजवंश की विशेषताएं – भारत की प्रथम एकीकृत साम्राज्य, अशोक का शासन, बौद्ध धर्म का प्रसार।
3. कुषाण वंश का संस्थापक कौन था?
कुषाण वंश का संस्थापक कुजुल कडफिसेस था जिसकी राजधानी पुरूषपुर था। जिसने बैक्ट्रिया को केन्द्र बनाकर शासन किया।
4. चंदेल वंश का संस्थापक कौन था?
चंदेल वंश का संस्थापक चन्द्रवर्मन नन्नुक था।
5. शुंग वंश की स्थापना कब और किसने की?
शुंग वंश का संस्थापक पुष्यमित्र शुंग था। पुष्यमित्र शुंग ने 185 ईसा पूर्व में मौर्य वंश के अंतिम शासक बृहद्रथ की हत्या कर शुंग वंश की स्थापना की।
6. गुप्त वंश का संस्थापक कौन था?
गुप्त वंश का संस्थापक श्रीगुप्त था। समुद्रगुप्त के प्रयाग प्रशास्ति, कुमारगुप्त के विलसगढ़ अभिलेख एवं स्कन्दगुप्त के भीतरी अभिलेख के अनुसार गुप्तों के आदिपुरूष श्रीगुप्त था। श्रीगुप्त ने महाराजा की उपाधि धारण की। गुप्त राजवंश की विशेषताएं – भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग, कला, विज्ञान में उन्नति। गुप्त काल में संस्कृत साहित्य, गणित और खगोल विज्ञान का विकास हुआ।
7. मुगल वंश का संस्थापक कौन था?
मुगल वंश का संस्थापक बाबर था। बाबर का जन्म फरगना में 1483 ई. में हुआ था। बाबर भारत का पहला मुस्लिम शासक था जिसने 1507 में बादशाह की उपाधि धारण की। मुगल वंश की विशेषताएं – इस्लामी कला और वास्तुकला का भारत में आगाज। ताज महल, आगरा किला, लाल किला जैसी ऐतिहासित महलों और किलों का निर्माण। अकबर का धार्मिक साहिष्णुता।
भारत के प्रमुख राजवंश, संस्थापक एवं उनके राजधानी 65+ Pdf Download

One thought on “भारत के प्रमुख राजवंश, संस्थापक एवं राजधानी”