हिंदी मुहावरेः Muhavare (Idioms) मुहावरे और उनके अर्थ
जब कोई शब्द समूह अथवा वाक्यांश अपने शाब्दिक अर्थ के स्थान पर विशेष अर्थ में प्रयुक्त होता है तो उसे मुहावरा कहते हैं। सरल शब्दों में ऐसे शब्द समूह जिनका प्रयोग विशेष अर्थ में होता है उन्हें मुहावरे (Idioms) कहते हैं।
मुहावरा वाक्यांश होता है। मुहावरे का प्रयोग स्वतंत्र रूप से न होकर वाक्य रचना के नियमानुसार होता है। मुहावरों का प्रयोग भाषा में सजीवता लाने के लिए किया जाता है। मुहावरों के प्रयोग से भाषा सुंदर व प्रभावशाली बनती है।
[1] अँगूठा चूमना - खुशामद करना [2] अँगूठा दिखाना - देने से इंकार करना [3] अँगूठा नचाना - चिढ़ाना [4] आँसू पोंछना - धीरज बँधाना [5] आँसू बहाना - खूब रोना [6] आँसू पी जाना - दुःख को छिपा लेना [7] आँख उठाना - हानि पहुँचाने की दृष्टि से देखना [8] आँखें चार होना - देखा-देखी होना [9] आँखें ठंढी होना - इच्छा पूरी होना [10] आँख दिखाना - क्रोध प्रकट करना [11] आँखों पर बिठाना - आदर करना [12] आँखें फेरना - नजर बदलना [13] आँखें बिछाना - बेसब्री से प्रतीक्षा करना [14] आँख भर आना - आँसू आना [15] आँखों में धूल डालना - धोखा देना [16] आँखें लाल करना - क्रोध की नजर से देखना [17] आँखें थकना - प्रतीक्षा से निराश होना [18] आँखों में खटकना - बुरा लगना [19] आँखें नीली-पीली करना - नाराज होना [20] आँखें खुलना - सजग होना [21] उँगली उठाना - निन्दा होना [22] पाँचों उँगलियाँ घी में होना - सब प्रकार से लाभ ही लाभ [23] सीधी उँगली से घी न निकलना - भलमनसाहत से कार्य न होना [24] ओठ चबाना - क्रोध करना [25] कलेजा ठंढा होना - संतोष होना [26] कान खोलना - सावधान करना [27] कान देना - ध्यान देना [28] कानों में तेल डालकर बैठ जाना - बात सुनकर भी ध्यान न देना [29] कान पकड़ना - प्रतिज्ञा करना [30] कान खड़े होना - होशियार होना [31] खून खौलना - गुस्सा चढ़ना [32] खून सूखना - अधिक डर जाना [33] खून सफेद हो जाना - बहुत डर जाना [34] गाल फुलाना - रूठना [35] गाल बजाना - डींग मारना [36] गर्दन उठाना - प्रतिवाद करना [37] गर्दन पर छुरी करना - अत्याचार करना [38] दाँत खट्टे करना - पस्त करना [39] दाँतों तले उँगली दबाना - दंग रह जाना [40] दाँत दिखाना - हार मानना, लाचारी प्रकट करना [41] दाँत गड़ाना - किसी वस्तु को पाने के लिए गहरी चाह करना [42] दाँत गिनना - उम्र बताना [43] नाक में दम करना - तंग करना [44] नाक रगड़ना - मिन्नत करना [45] नाम में दम आना - तंग होना [46] मुँह में लार टपकना - बहुत लालची होना [47] मुँह काला होना - कलंक या दोष लगना [48] मुँहफट हो जाना - निर्लज्ज होना [49] मुँह फुलाना - रूठ जाना [50] मुँह बनाना - असंतुष्ठ होना
Idioms in Hindi
[51] मुँह मोड़ना – ध्यान न देना
[52] मुँह लगाना – सिर चढ़ाना
[53] सिर झुकाना – आत्मसमर्पण करना
[54] हाथ मलना – पछताना
[55] हाथ गरम करना – घूस देना
[56] हाथ धोकर पीछे पड़ना – जी जान से लग जाना
[57] हाथ फैलाना – याचना करना
[58] हाथ साफ करना – उड़ा लेना
[59] अक्ल का दुश्मन – मुर्ख
[60] अक्ल चरने जाना – बुद्धि की कमी होना
[61] अपना उल्लू सीधा करना – बेवकूफ बनाकर काम निकालना
[62] अपने पैर में कुल्हाड़ी मारना – जान बूझकर आफत में पड़ना
[63] अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – अपनी तारीफ स्वयं करना
[64] अढ़ाई चावल की खिचड़ी अलग पकाना – सबसे अलग रहना
[65] अंगारों पर पैर रखना – अपने को खतरे में डालना
[66] अंगारों पर लोटना – क्रुद्ध होना
[67] अक्ल दंग होना – चकित होना
[68] अक्ल का पुतला – बहुत बुद्धिमान
[69] अक्ल के घोड़े दौड़ाना – कल्पनाएँ करना
[70] अपनी डफली आप बजाना – अपने मन की करना
[71] अंधे की लकड़ी – एकमात्र सहारा
[72] अंधों में काना राजा – अज्ञनियों में अल्पज्ञान वाले का सम्मान होना
[73] अंग भरना – लिपट लेना
[74] अंग टूटना – बहुत थक जाना
[75] अंग-अंग फूले न समाना – आनंदविभोर होना
[76] अंडे का शाहजादा – अनुभवहीन
[77] अक्ल पर पत्थर पड़ना – बुद्धिभ्रष्ट होना
[78] अपना घर समझना – बिना संकोच व्यवहार
[79] अपना से मुँह लेकर रह जाना – शर्मिन्दा होना
[80] अपने पैरों पर खड़ा होना – स्वावलम्बी होना
[81] अरमान निकालना – इच्छाएँ पूरी करना
[82] आकाश पाताल एक करना – अत्याधिक परिश्रम करना
[83 आकाश से तारे तोड़ना – कठिन कार्य करना
[84 आकाश छूना – बहुत ऊँचा होना
[85] आग बबूला होना – अति क्रुद्ध होना
[86] आग में घी डालना – झगड़ा बढ़ाना, क्रोध भड़काना
[87] आग लगाकर तमाश देखना – झगड़ा खड़ाकर उसमें आनंद लेना
[88] आग लगने पर कुआँ खोदना – पहले से करने के काम को ऐन वक्त पर करने चलना
[89] आग में कूद पड़ना – खतरा मोल लेना
[90] आग उगलना – क्रोध प्रकट करना
[91] आन रखना – मान रखना
[92] आटे दाल का भाव मालूम होना – सांसारिक कठिनाइयों का ज्ञान होना
[93] आटे दाल की फिक्र होना – जीविका की चिन्ता
[94 आसमान दिखाना – पराजित करना
[95] आड़े हाथों लेना – बुरा भला कहना
[96] आस्तीन का साँप – कपटी मित्र
[97] इधर-उधर करना – टालमटोल करना
[98] इन्द्र का अखाड़ा – ऐश मौज की जगह
[99] ईंट से ईंट बजना – ध्वस्त करना
[100] ईंट का जवाब पत्थर से देना – दुष्ट के साथ दुष्टता करना
हिन्दी मुहावरे (Idioms)
[101] ईद का चाँद होना – बहुत दिनों के बाद दिखाई पड़ना
[102] उड़ती खबर – बेसिर पैर की बात
[103] उलटी गंगा बहना – अनहोनी होना
[104] उन्नीस बीस होना – बहुत कम अंतर होना
[105] उल्लू सीधा करना – अपना स्वार्थ साधना
[106] उलटे छूरे से मूड़ना – बेवकूफ बनाकर लूटना
[107] ऊँचा सुनना – कम सुनना
[108] उथल पुथल मचाना – हलचल
[109] एक लाठी से सबको हाँकना – उचित न्याय न करना
[110] एक आँख से देखना – समान भाव रखना
[111] एक आँख न भाना – तनिक भी अच्छा न लगना
[112] ओखली में सिर देना – कष्ट सहने पर उतारू होना
[113] ओस की मोती – क्षणभंगुर
[114] कलई खुलना – भेद प्रकट होना
[115] कलेजा फटना – दिल पर बेहद चोट पहूँचना
[116] करवटें बदलना – बेचैन रहना
[117] काँटा बिछाना – अड़चना डालना
[118] काला अक्षर भैंस बराबर – अनपढ़, निरा मुर्ख
[119] काँटे बोना – बुराई करना
[120] काँटों में घसीटना – संकट में डालना
[121] कमर कसना/बाँधना – दृढ़ संकल्प करना
[122] काम तमाम करना – मार डालना, खत्म करना
[123] किनारा करना – अलग होना
[124] कौड़ी के मोल बिकना – बहुत सस्ता बिकना
[125] कागजी घोड़े दौड़ाना – व्यर्थ की लिखा पढ़ी करना
[126] किरकिरा होना – आनंद बिगड़ जाना
[127] कुत्ते की मौत मरना – बुरी तरह मरना
[128] कोदो देकर पढ़ना – अधूरी शिक्षा पाना
[129] कपास ओटना – सांसारिक काम धंधों में लगे रहना
[130] कीचड़ उछालना – निन्दा करना
[131] कोल्हू का बैल – खूब परिश्रमी
[132] किताब का कीड़ा होना – बराबर पढ़ते रहना
[133] कागज काला करना – बिना मतलब लिखना
[134] कौड़ी को तीन समझना – तुच्छ समझना
[135] कौड़ी काम का न होना – किसी काम का न होना
[136] कौड़ी कौड़ी जोड़ना – छोटी मोटी सभी आय को कंजूसी के साथ बचाकर रखना
[137] कचमूर निकालना – खूब पीटना
[138] जले पर नमक छिड़कना – विपत्ति के समय और दुःख देना
[139] कन्नी काटना – आँख बचाकर भाग जाना
[140] कोहराम मचाना – दुःखपूर्ण चीख पुकार
[141] किस खेत की मूली – अधिकारहीन, शक्तिहीन
[142] खरी खोटी सुनाना – भला बुरा कहना
[143] खाक छानना – भटकना, बहुत ढूँढ़ना
[144] खूँटे के बल कूदना – किसी के भरोसे पर जोर या जोश दिखाना
[145] ख्याली पुलाव – सिर्फ कल्पना करना
[146] गीदड़ भभकी – मन में डरते हुए भी ऊपर से दिखावटी क्रोध करना
[147] गुड़ गोबर करना – बनाया काम बिगाड़ना
[148] गुरू घंटाल – बहुत चालाक
[149] गूलर का फूल – दुर्लभ चीज
[150] गाँठ में बाँधना – खूब याद रखना
500+ Hindi Muhavare
[151] गिरगिट की तरह रंग बदलना – एक बात पर न रहना
[152] गागर में सागर भरना – अधिक बात थोड़े में कहना
[153] गज भर की छाती होना – उत्साहित होना
[154] गड़े मुर्दे उखाड़ना – दबी हुई बात फिर से उभारना
[155] गोटी लाल होना – लाभ होना
[156] गुदड़ी का लाल – गरीब के घर का गुणवान का होना
[157] गुल खिलना – विचित्र घटना होना, बखेड़ा होना
[158] घर का उजाला – कुल दीपक
[159] घर बसना – घर में पत्नी का आना, विवाह करना
[160] घर का मर्द – बाहर डरपोक
[161] घर का न घाट का – निकम्मा, कहीं का न रहना
[162] घी के दिये जलाना – मनोरथ पूर्ण होना, आनंद मंगल होना, अप्रत्याशित लाभ पर प्रसन्नता
[163] घाव पर नमक छिड़कना – दुःखित को और दुःख देना
[164] घात लगाना – मौके की तलाश में रहना
[165] घास खोदना – व्यर्थ काम करना
[166] घाव हरा होना – भूले हुए दुःख को याद करना
[167] घाट-घाट का पानी पीना – अच्छे बुरे अनुभव रखना
[168] घोड़े बेचकर सोना – बेफिक्र होकर सोना
[169] चलता पुर्जा – काफी चालाक
[170] चाँद का टुकड़ा – बहुत सुन्दर
[171] चाँद पर थूकना – किसी बड़े पुरूष को कलंक लगाना
[172] चार चाँद लगाना – चौगुनी शोभा या इज्जत होना
[173] चिकने घड़े पर पानी पड़ना – उपदेश का कोई प्रभाव न पड़ना
[174] चोली दामन का साथ – काफी घनिष्ठता
[175] चुनौती देना – ललकारना
[176] चुल्लू भर पानी में डूब मरना – अत्यन्त लज्जित होना
[177] चैन की वंशी बजाना – सुख से समय बिताना
[178] चार दिन की चाँदनी – क्षणिक सुख
[179] चम्पत हो जाना – भाग जाना
[180] चाँदी काटना – आनन्द से जीवन बिताना
[181] चूड़ियाँ पहनना – स्त्री की सी असमर्थता प्रकट करना
[182] छक्के छुड़ाना – खूब परेशान करना
[183] छठी का दूध याद करना – सुख भूल जाना
[184] छप्पर फाड़कर देना – बिना परिश्रम के देना, अनायास देना
[185] छाती पर साँप लोटना – किसी के प्रति डाह
[186] छोटी मुँह बड़ी बात – योग्यता से बढ़कर बोलना
[187] छाती पर पत्थर रखना – असह्य दुःख को दिल में ही दबा लेना
[188] जड़ उखाड़ना – पूर्ण नाश करना
[189] जंगल में मंगल करना – शून्य स्थान को भी आनंदमय कर देना
[190] जबान में लगाम न होना – बिना सोचे समझे बोलना
[191] जी का जंजाल होना – अच्छा न लगना
[192] जी लगना – मन लगना
[193] जलती आग में तेल डालना – झगड़ा बढ़ाना
[194] जहर उगलना – चुभने वाली बात कहना
[195] जमीन आसमान एक करना – बहुत उपाय करना
[196] जी चुराना – कोशिश न करना
[197] जान पर खेलना – प्राण संकट में डालना
[198] टाँग अड़ाना – दखल देना/अवरोध पैदा करना
[199] टेढ़ी खीर – कठिन काम
[200] टें-टें-पों-पों – व्यर्थ हल्ला करना
Hindi Muhavare aur unke Aarth
[201] टुकड़ों पर पलना – दूसरों की कमाई पर गुजारा करना
[202] ठन-ठन गोपाल – कंगाल, कुछ नहीं
[203] डूबते को तिनके का सहारा – संकट में पड़े को थोड़ी मदद
[204] डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना – अलग-अलग होकर काम करना
[205] ढेर करना – मारकर गिरा देना
[206] तह देना – दबा देना
[207] तिनके को पहाड़ करना/तिल का ताड़ करना – छोटी बात को बड़ी बनाना
[208] तूती बोलना – प्रसिद्ध होना, खूब चलना
[209] ताना मारना – व्यंग्य वचन बोलना
[210] तोते की तरह आँखें फेरना – बेमुरौवत होना
[211] थूककर चाटना – प्रतिज्ञा भंग करना
[212] थू-थू करना – घृणा प्रकट करना
[213] दाल गलना – कामयाब होना, प्रयोजन सिद्ध होना
[214] दूज का चाँद होना – कम दर्शन होना
[215] दाँव खेलना – धोखा देना
[216] दिमाग खाना – बकवास करना
[217] दूकान बढ़ाना – दूकान बंद करना
[218] दूध का दाँत न टूटना – ज्ञान और अनुभव का न होना
[219] दिल दरिया होना – उदार होना
[220] दो कौड़ी का आदमी – गरीब, नालायक
[221] दो नाव पर पैर रखना – इधर भी उधर भी, दो पक्षों से मेल रखना
[222] धरती पर पाँव न रखना – घमंडी होना
[223] धाक जमाना – रोब होना
[224] धूप में बाल सफेद करना – बिना अनुभव प्राप्त किये बूढ़ा होना
[225] धूल छानना – मारे-मारे फिरना
[226] धोबी का कुत्ता – निकम्मा
[227] धोती ढीली होना – डर जाना
[228] नजर पर चढ़ना – पसंद आ जाना
[229] नाच नचाना – तंग करना
[230] नुक्ताचीनी करना – दोष दिखाना, आलोचना करना
[231] निन्यानबे के फेरे में पड़ना – धन जमा करने के चक्कर में पड़ना
[232] नौ दो ग्यारह होना – भाग जाना
[233] नमक अदा करना – फर्ज पूरा करना
[234] नमक मिर्ची लगाना – बढ़ा-चढ़ाकर कहना
[235] नींद हराम होना – तंग आना
[236] पानी-पानी होना – अधिक लज्जित होना
[237] पानी में आग लगाना – असंभव कार्य करना
[238] पापड़ बेलना – दुःख से दिन काटना
[239] पौ बारह होना – खूब लाभ होना
[240] पेट में चूहे कूदना – भूख से परेशान होना
[241] पीठ ठोंकना – साहस बँधाना
[242] पैर पकड़ना – क्षमा चाहना
[243] पीठ दिखलाना – पलायन करना
[244] फूला न समाना – काफी खुश होना
[245] फूँक-फूँक कर कदम रखना – सावधान होकर काम करना
[246] बगुला भगत – कपटी
[247] बगलें झाँकना – बचाव का रास्ता ढूँढ़ना
[248] बन्दरघुड़की देना – धमकाना
[249] बहती गंगा में हाथ धोना – मौका हाथ से न जाने देना जिससे सभी लाभ उठाते हो
[250] बाग-बाग होना – खुश होना
परीक्षा में बार-बार पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण मुहावरे
[251] बात का धनी – वादे का पक्का, दृढ़प्रतिज्ञ
[252] बात बनाना – बहाना करना
[253] बायें हाथ का खेल – सरल होना
[254] बाल की खाल निकालना – छिन्द्रान्वेषण करना
[255] भींगी बिल्ली बनना – लाचार होना
[256] मिट्टी के मोल बिकना – बहुत सस्ता होना
[257] मुठ्ठी गरम करना – घूस (रिश्वत) देना
[258] मोम हो जाना – बहुत नरम हो जाना
[259] मिट्टी में मिलना – नष्ट होना
[260] मन के लड्डू खाना – व्यर्थ की आशा पर प्रसन्न होना
[261] मैदान साफ होना – मार्ग में बाधा न होना
[262] मीन मेख करना – व्यर्थ तर्क
[263] मन खट्टा होना – मन फिर जाना
[264] मोटा आसामी – मालदार आदमी
[265] रंग जमना – धाक जमना
[266] रंग में भंग होना – आनंद में बिघ्न पड़ना
[267] रंग उतरना – फीका होना
[268] रंग बदलना – परिवर्तन होना
[269] रफू चक्कर होना – भाग जाना
[270] राई से पर्वत होना – छोटे से बड़ा होना
[271] लुटिया डुबोना – काम बिगाड़ना
[272] लँगोटिया यार – बचपन का दोस्त
[273] लोहे के चने चबाना – कठिन काम करना
[274] लाल पीला होना – रंज होना
[275] वक्त पर काम आना – विपत्ति में मदद करना
[276] शर्म से पानी-पानी होना – बहुत लजाना
[277] शेखी बघारना – डींग हाँकना
[278] श्री गणेश करना – आरंभ करना
[279] सिक्का जमाना – प्रभुत्व जमाना
[280] सितारा चमकना – भाग्योदय होना
[281] सात-पाँच करना – आगे पीछे करना
[282] सुबह का चिराग होना – समाप्ति पर आना
[283] हाथ के तोते उड़ना – अचानक शोक समाचार सुनकर स्तब्ध हो जाना
[284] होश उड़ जाना – घबरा जाना
[285] हक्का-बक्का रह जाना – भौंचक रह जाना
[286] आसमान पर चढ़ाना – अत्याधिक प्रशंसा करना
[287] आँख का किरकिरी होना – अप्रिय लगना
[288] सिर हथैली पर रखना – मरने के लिए तैयार होना
[289] अंतर के पट खोलना – विवेक से काम लेना
[290] अंगूठी का नग होना – बहुत कीमती
[291] काम काज में कोरा होना – काम न जानना
[292] जुबान पर लगाम न होना – अनावश्यक रूप से स्पष्टवादी होना
[293] टस से मस न होना – अनुनय-विनय से न पसीजना
[294] मुँह का निवाला – बहुत आसान काम
[295] समुद्र मंथन करना – कठोर परिश्रम करना
[296] खो देना – हाथ धोना
[297] विरोध करना – सिर उठाना
[298] नाश कर देना – पानी फेर देना
[299] अगर-मगर करना – बहाने बनाना
[300] अग्नि परीक्षा देना कठिन – परिस्थिति में पड़ना
[301] छाती पर मूँग दलना – पास रहकर दुःख देना
[302] तीर मारना – बड़ा काम करना
[303] तेली का बैल होना – बुरी तरह से काम में लगे रहना
[304] एंड़ी चोटी का जोर लगाना – बहुत परिश्रम करना
[305] चाँदी का ऐनक लगाना – किसी न किसी प्रकार से प्रतिष्ठा बनाए रखना
[306] दाम लगाना – मूल्य आँकना
[307] दिन को दिन और रात को रात न समझना – कोई बड़ा काम करते समय अपने सुख आराम को कुछ भी ध्यान न रखना
[308] मखमली जूते मारना – मीठी बातों से लज्जित करना
[309] रीढ़ टूटना – निराश हो जाना
[310] चादर के बाहर पैर पसारना – क्षमता से अधिक व्यय करना
[311] जौहर खुलना – भेद का पता लगना
[312] ढपोर शंख – बेवकूफ
[313] दिल का पक जाना – अत्यन्त पीड़ित होना
[314] नाक पर सुपारी तोड़ना – बहुत परेशान करना
[315] पेट पर दाढ़ी/दाँत होना – देखने में सीधा किन्तु चालाक होना
[316] पानी पीकर घर पूछना – काम निकलने के बाद सोचना
[317] कलेजा धक-धक करना – भयभीत होना
[318] ऊँट के मुँह में जीरा – किसी वस्तु का आवश्यकता से कम होना
[319] आधा तीतर आधा बटेर – बेमेल तथा बेढंगा होना
[320] कलम तोड़ना – बहुत सुन्दर लिखना
[321] घुटने टेक देना – हार मानना
[322] चेहरे पर हवाइयाँ – उड़ना घबरा जाना
[323] तालु में जीभ न लगना – चुप न रहना
[324] भाड़ झोंकना – व्यर्थ समय नष्ट करना
[325] मूँछ मुंडाना – हार मानना
[326] सीधे मुँह बात न करना – घमण्ड करना
[327] हाथ पीले करना – विवाह करना
[328] आँखों का तारा – बहुत प्रिय
[329] आड़े समय पर काम आना – मुसीबत में सहायक होना
[330] ईमान बेचना – अपने कर्तव्य से हट जाना
[331] द्रोपती का चीर – कभी समाप्त न होना
[332] भगीरथ प्रयत्न – असाधारण प्रत्यत्न
[333] भीष्म प्रतिज्ञा – दृढ़ प्रतिज्ञा
[334] अंतड़ियों में बल पड़ना – बहुत हँसना
[335] माथा ठनकना – अनिष्ट की आशंका होना
[336] ठीकरा फूटना – किसी के सर झूठा दोष लगाना
[337] उलट फेर होना – परिवर्तन होना
[338] कान का कच्चा होना – सुनी बात पर विश्वास करना
[339] आँखों में चर्बी छाना – अभिमान करना
[340] न तीन में न तेरह – किसी काम का न होना
[341] अंग-अंग ढीला होना – थक जाना
[342] अंगारे उगलना – कठोरता या क्रोध दिखाने वाली बातें करना
[343] अक्ल का अंधा – बेवकूफ होना
[344] आँख लगना – नींद आना
[345] अपनी खिचड़ी अलग पकाना – अलग रहना
[346] आकाश के तारे तोड़ना – असंभव काम करना
[347] आसमान सिर पर उठाना – बहुत शोेर करना
[348] उँगली पर नचाना – इच्छानुसार काम करवाना
[349] कान काटना – बहुत चालाक होना
[350] कान भरना – चुगली करना, भड़काना
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