इस लेख में ब्लू फ्लैग (नीला झंडा) प्रमाणन तट, उनके प्रक्रिया मानदंड तथा भारत के सभी ब्लू फ्लैग बीच (समुद्री तटों) के बारे में विस्तार से जानें।
ब्लू फ्लैग (Blue Flag) क्या है?
ब्लू फ्लैग (Blue Flag) (नीला झंडा) दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित इको-लेबल है, जो समुद्र तटों (Beaches) मरीनाओं (Marinas) और सतत पर्यटन नौकाओं (Sustainable Tourism Boats) को प्रदान किया जाता है।
यह डेनमार्क स्थित फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन (FEE) द्वारा संचालित है, जो 1985 में शुरू हुआ और तटीय क्षेत्रों में सतत् विकास को बढ़ावा देता है।
इस प्रमाणीकरण को प्राप्त करने के लिए, स्थानों को लगभग 33 कड़े मानदंडों को पूरा करना पड़ता है, जिसमें पानी की गुणवत्ता, पर्यावरण प्रबंधन, सुरक्षा सुविधाएं, पर्यावरण शिक्षा और पहुंच जैसे पहलू शामिल हैं।
ब्लू फ्लैग वाले समुद्र तटों को दुनिया के सबसे स्वच्छ और सुरक्षित तटों में गिना जाता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद करता है।
यह प्रमाणीकरण दुनिया भर में स्वैच्छिक है और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करता है।
आवेदन, मूल्यांकन और नवीनीकरण प्रक्रिया प्रमाणन वार्षिक आधार पर दिया जाता है और इसे बनाए रखने के लिए हर साल पुनः आवेदन करना पड़ता है।
ब्लू फ्लैग कार्यक्रम की शुरुआत
ब्लू फ्लैग कार्यक्रम की शुरुआत 1985 में फ्रांस में एक प्रदूषण नियंत्रण परियोजना के रूप में हुई थी। 1987 में इसे एक प्रमाणन योजना के रूप में बदल दिया गया, और 2001 में यह वैश्विक स्तर पर विस्तारित हो गया।
यह कार्यक्रम यूरोपीय संघ के समुद्री पर्यावरण नीतियों से प्रेरित था और अब यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से जुड़ा हुआ है, विशेष रूप से जल गुणवत्ता, जैव विविधता संरक्षण और जलवायु कार्रवाई के क्षेत्र में।
ब्लू फ्लैग प्रमाणन का मुख्य उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देना है।
ब्लू फ्लैग मानक मानदंड
इन मानकों को चार प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है, ये मानदंड चार मुख्य श्रेणियों में बंटे हैं –
- पर्यावरण शिक्षा और सूचना (Environmental Education and Information)
- जल गुणवत्ता (Water Quality)
- पर्यावरण प्रबंधन (Environmental Management)
- सुरक्षा और सेवाएँ (Safety and Services)
सभी 33 मानदंडों में से अधिकांश अनिवार्य (Imperative) हैं – इन्हें 100% पूरा करना जरूरी है। कुछ दिशानिर्देश (Guideline) हैं, लेकिन ब्लू फ्लैग पाने के लिए व्यावहारिक रूप से सभी को पूरा करना पड़ता है। नीचे सभी 33 मानदंडों की विस्तृत सूची है –
1- पर्यावरण शिक्षा और सूचना (Environmental Education and Information) (6 मानदंड – सभी अनिवार्य)
- ब्लू फ्लैग कार्यक्रम की जानकारी प्रदर्शित की जानी चाहिए।
- समुद्र तट उपयोगकर्ताओं के लिए पर्यावरण शिक्षा गतिविधियाँ आयोजित और प्रचारित की जानी चाहिए (कम से कम 5 अलग-अलग गतिविधियाँ हर साल)।
- स्नान जल गुणवत्ता की जानकारी प्रदर्शित की जानी चाहिए।
- स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र, संवेदनशील क्षेत्रों और सांस्कृतिक स्थलों की जानकारी प्रदर्शित की जानी चाहिए।
- समुद्र तट का नक्शा (सभी सुविधाओं को दर्शाते हुए) प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
- समुद्र तट और आसपास के क्षेत्र के उपयोग के लिए आचार संहिता प्रदर्शित की जानी चाहिए।
2- जल गुणवत्ता (Water Quality) (4 मानदंड – सभी अनिवार्य)
- सैंपलिंग और आवृत्ति की आवश्यकताओं का पूर्ण अनुपालन।
- जल गुणवत्ता विश्लेषण के लिए मानकों और आवश्यकताओं का पूर्ण अनुपालन।
- उत्कृष्ट जल गुणवत्ता के लिए मानकों का पूर्ण अनुपालन (म्ण्बवसप और म्दजमतवबवबबप बैक्टीरिया की सीमा से कम)।
- समुद्र तट क्षेत्र को प्रभावित करने वाली कोई औद्योगिक, सीवेज या अपशिष्ट निर्वहन नहीं होनी चाहिए।
3- पर्यावरण प्रबंधन (Environmental Management) (13 मानदंड)
- समुद्र तट पूरी तरह साफ होना चाहिए।
- प्राकृतिक शैवाल/मलबा छोड़ा जा सकता है अगर वह प्राकृतिक हो और सौंदर्य को नुकसान न पहुँचाए।
- पर्याप्त कचरा डिब्बे होने चाहिए और नियमित खाली किए जाने चाहिए।
- रिसाइक्लिंग की सुविधाएँ उपलब्ध होनी चाहिए।
- स्वच्छ शौचालय सुविधाएँ होनी चाहिए।
- शौचालयों का सीवेज नियंत्रित तरीके से निपटान होना चाहिए।
- अनधिकृत कैंपिंग, वाहन चलाना या कचरा फेंकना प्रतिबंधित होना चाहिए।
- कुत्तों/पेट्स की मौजूदगी और सुरक्षा नियमों का पालन होना चाहिए।
- सस्टेनेबल परिवहन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- सभी समुद्र तट भवन और उपकरण अच्छी स्थिति में होने चाहिए।
- अगर कोरल रीफ हैं तो उनकी सुरक्षा के उपाय होने चाहिए।
- टीलों और वनस्पति का सस्टेनेबल प्रबंधन होना चाहिए।
- स्थानीय प्राधिकरण की पर्यावरण प्रबंधन नीति या योजना होनी चाहिए।
4- सुरक्षा और सेवाएँ (Safety and Services) (10 मानदंड)
- लाइफ-सेविंग उपकरण उपलब्ध होने चाहिए।
- प्राथमिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध होने चाहिए।
- प्रदूषण या दुर्घटना के लिए आपातकालीन योजनाएँ होनी चाहिए।
- विकलांगों के लिए सुरक्षित पहुँच होनी चाहिए।
- पीने का पानी उपलब्ध होना चाहिए।
- कम से कम एक ब्लू फ्लैग तट पर विकलांगों के लिए शौचालय होना चाहिए।
- शौचालय और अन्य सुविधाएँ साफ होनी चाहिए।
- लाइफगार्ड या आपातकालीन फोन तक सीधी पहुँच होनी चाहिए।
- सुरक्षा संबंधी साइनबोर्ड लगे होने चाहिए।
- खतरनाक जलीय जीवों (जेलीफिश, शार्क आदि) की निगरानी और सूचना प्रणाली होनी चाहिए।
Blue Flag Beaches अतिरिक्त महत्वपूर्ण बातें
सभी तट प्लास्टिक-मुक्त होने चाहिए → कोई सिंगल-यूज प्लास्टिक नहीं।
सस्टेनेबल सामग्री का उपयोग → सोलर लाइटिंग, व्हीलचेयर, CCTV, रैंप आदि।
हर साल री-ऑडिट होता है → एक भी मानदंड पूरा न हो तो फ्लैग उतार लिया जाता है।
भारत में ये मानदंड Society for Integrated Coastal Management (SICOM) और MoEFCC द्वारा लागू किए जाते हैं।
ये 33 मानदंड मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि ब्लू फ्लैग तट न सिर्फ सुंदर और साफ हों, बल्कि पूरी तरह सुरक्षित, सस्टेनेबल और पर्यावरण के प्रति जागरूक भी हों। यही कारण है कि दुनिया में सिर्फ 5,000+ तट ही ब्लू फ्लैग हैं, और भारत के 18 तट इसमें शामिल होना बहुत बड़ी उपलब्धि है।
ब्लू फ्लैग प्रमाणन की प्रक्रिया, निरीक्षण और निगरानी, ब्लू फ्लैग का नवीनीकरण
ब्लू फ्लैग प्रमाणन के आवेदन करने के बाद, FEE द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर समुद्र तट का निरीक्षण किया जाता है। निरीक्षण में समुद्र तट सभी मानकों का अनुपालन करता है, तो उसे ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त होता है।
एक बार प्रमाणित हो जाने के बाद, समुद्र तट को लगातार निरीक्षण और निगरानी से गुजरना पड़ता है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि समुद्र तट हर साल सभी मानकों का अनुपालन करता रहे।
ब्लू फ्लैग दर्जा हर साल नवीनीकरण के लिए दिया जाता है, जिसके लिए दोबारा निरीक्षण और मूल्यांकन किया जाता है।
ब्लू फ्लैग (नीले झंडे) का महत्व
ब्लू फ्लैग का दर्जा सिर्फ़ एक प्रमाणीकरण ही नहीं है, बल्कि यह समुद्र तटों की पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक ज़िम्मेदारी का प्रतीक है।
ब्लू फ्लैग प्रमाणित समुद्र तटों को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती है। यह पर्यटन को बढ़ावा देता है, जो पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी लाभदायक है।
ब्लू फ्लैग प्रमाणित समुद्र तट पर्यावरण संरचनाओं, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह प्रमाणन समुद्र तटों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
इससे समुद्र तटों के रखरखाव और संरक्षण में सुधार होता है।
भारत में ब्लू फ्लैग प्रमाणित समुद्र तट
भारत में वर्तमान में (नवंबर 2025 तक) कुल 18 ब्लू फ्लैग प्रमाणित समुद्र तट हैं। ब्लू फ्लैग एक विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय इको-लेबल है जो डेनमार्क की संस्था Foundation for Environmental Education (FEE) द्वारा दिया जाता है। यह उन तटों को मिलता है जो पानी की गुणवत्ता, स्वच्छता, सुरक्षा, पर्यावरण शिक्षा और सस्टेनेबल मैनेजमेंट के 33 सख्त मानकों पर खरे उतरते हैं।
भारत 2020 से इस प्रोग्राम में शामिल है और अक्टूबर 2025 में महाराष्ट्र के 5 नए तटों को यह प्रमाणन मिला, जिससे संख्या 13 से बढ़कर 18 हो गई।
भारत में सभी 18 ब्लू फ्लैग तट इन 33 मानदंडों पर खरे उतरे हैं।
वर्ष 2020 में, भारत के आठ समुद्र तटों को पहली बार ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान किया गया। इन समुद्र तटों में शिवराजपुर (गुजरात), घोघला (दीव), कासरगोड (कर्नाटक), पदुबिद्री (कर्नाटक), कप्पड़ (केरल), गोल्डन (ओडिशा), रुशिकोंडा (आंध्र प्रदेश) और राधानगर (अंडमान और निकोबार) शामिल हैं।
इसके बाद ईडन बीच (पुडुचेरी) और कोवलम बीच (तमिलनाडु) को सितंबर 2021 में ब्लू फ्लैग प्रमाणन दिया गया।
नवंबर 2022 में लक्षद्वीप के दो बीच मिनिकॉय थुंडी बीच और कदमत समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग प्रमाणन दिया गया।
वर्ष 2023 सुनापुर (सोनापुर) बीच गंजम, ओड़िषा को ब्लू फ्लैग प्रमाणन मिला था।(अधिकारिक वेबसाईट में ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त समुद्री तट)
वर्ष 2024 में चल बीच (कन्नूर, केरल) तथा तन्निरभवी बीच (मंगलुरू, कर्नाटक) (अधिकारिक वेबसाईट में ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त समुद्री तट) को ब्लू फ्लैग प्रमाणन मिला था।
हाल ही में वर्ष 2025 में महाराष्ट्र के 05 समुद्री तटों को श्रीवर्धन (रायगढ़, महाराष्ट्र) नागांव (रायगढ़, महाराष्ट्र), परनाका (पालघर, महाराष्ट्र), गुहागर (रत्नागिरी, महाराष्ट्र), लाडघर (रत्नागिरी, महाराष्ट्र) को ब्लू फ्लैग प्रमाणन दिया गया है।
जिसके बाद देश में ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त करने वाले समुद्र तटों की कुल संख्या बढ़कर 18 हो गई है।
भारत के सभी ब्लू फ्लैग बीच (समुद्र तट) की सूची
| क्रमांक | समुद्री तट का नाम | जगह व राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश | ब्लू फ्लैग प्रमाणन का वर्ष |
|---|---|---|---|
| 1 | शिवराजपुर बीच | द्वारका, गुजरात | 2020 |
| 2 | गोल्डन बीच | पुरी, ओडिशा | 2020 |
| 3 | घोघला बीच | दीव (केन्द्र शासित प्रदेश) | 2020 |
| 4 | कासरकोड बीच | उत्तर कन्नड़, कर्नाटक | 2020 |
| 5 | पदुबिद्री बीच | उडुपी, कर्नाटक | 2020 |
| 6 | कप्पड़ बीच | कोझिकोड, केरल | 2020 |
| 7 | रुशिकोंडा बीच | विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश | 2020 |
| 8 | राधानगर बीच | हैवलॉक द्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (केन्द्र शासित प्रदेश) | 2020 |
| 9 | ईडन बीच | पुदुचेरी (केन्द्र शासित प्रदेश) | 2021 |
| 10 | कोवलम बीच | चेन्नई, तमिलनाडु | 2021 |
| 11 | मिनिकॉय थुंडी बीच | लक्षद्वीप (केन्द्र शासित प्रदेश) | 2022 |
| 12 | कदमत बीच | लक्षद्वीप (केन्द्र शासित प्रदेश) | 2022 |
| 13 | चल बीच | कन्नूर, केरल | 2024 |
| 14 | श्रीवर्धन | रायगढ़, महाराष्ट्र | 2025 |
| 15 | नागांव | रायगढ़, महाराष्ट्र | 2025 |
| 16 | परनाका | पालघर, महाराष्ट्र | 2025 |
| 17 | गुहागर | रत्नागिरी, महाराष्ट्र | 2025 |
| 18 | लाडघर | रत्नागिरी, महाराष्ट्र | 2025 |

भारत के सभी ब्लू फ्लैग तटों की विस्तृत सूची है राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के अनुसार
गुजरात
1- शिवराजपुर बीच (Shivrajpur Beach) – देवभूमि द्वारका, गुजरात
द्वारका मंदिर के पास स्थित यह तट सफेद रेत और नीला साफ पानी के लिए प्रसिद्ध है। यहां पक्षी देखने और वॉटर स्पोर्ट्स के लिए बढ़िया, स्नॉर्कलिंग, स्कूबा डाइविंग और डॉल्फिन स्पॉटिंग की सुविधा है। इको-फ्रेंडली चेंजिंग रूम, सोलर लाइटिंग और CCTV सुरक्षा उपलब्ध।
दीव (केंद्रशासित प्रदेश)
2- घोघला बीच (Ghoghla Beach) – दीव
दीव का सबसे बड़ा और स्वच्छतम तट, गोल्डन सैंड, वॉटर स्पोर्ट्स (जेट स्की, पैरासेलिंग) की सुविधा। शांत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह तट परिवारों के लिए आदर्श है। साफ समुद्र और हरी-भरी पृष्ठभूमि के साथ सूर्यास्त दृश्य मनमोहक हैं। यह दीव के प्रवेश द्वार पर स्थित है और यहाँ जेट स्कीइंग और पैरासेलिंग जैसे वाटर स्पोर्ट्स के साथ-साथ रेस्टोरेंट और ठहरने के विकल्प भी उपलब्ध हैं।
कर्नाटक
3- कासरकोड टोंका बीच (Kasarkod Beach) – उत्तर कन्नड़ (होनावर तालुक में कासरकोड गांव के पास), कर्नाटक
अरब सागर के किनारे यह तट जैव विविधता से समृद्ध है। साफ पानी और सुरक्षित तैराकी के लिए जाना जाता है, साथ ही ताड़ के पेड़ों और सागर की खूबसूरत लहरों के शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। स्थानीय मछली पकड़ने की संस्कृति का अनुभव। कम भीड़, नीला पानी और चट्टानें। परिवारों के लिए सुरक्षित।
4- पदुबिद्री बीच (Padubidri Beach) – उडुपी, कर्नाटक
भारत का पहला ‘ड्राइव-इन बीच’, कार सीधे रेत पर ले जा सकते हैं। नीला पानी और सूर्यास्त बहुत सुंदर। लंबी रेतीली पट्टी वाला यह तट सूर्य स्नान और वॉकिंग के लिए बेस्ट है। पर्यावरण संरक्षण पर जोर, प्लास्टिक-मुक्त और वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम। यह अपने शांत वातावरण, साफ सुथरे शौचालय तथा लाइफगार्ड जैसी सुरक्षा व्यवस्था के लिए जाना जाता है। इस समुद्र तट का वातावरण शांतिपूर्ण और निर्मल हैं।
A- तन्निरभवी/थन्नारभावी (Tannirbhavi beach) बीच – मंगलुरू, कर्नाटक
यह कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय समुद्री पर्यटन स्थलों में से एक है। इस बीच के बीच-2 खंड को ब्लू फ्लैग बीच का दर्जा मिला है। यह अपने ट्री पार्क के लिए काफी प्रसिद्ध है। तटीय पट्टी, खारा ताजा समुद्री पानी, शांत तट, साफ-सुथरा, शौचालय, लाइफगार्ड आदि सुविधा से युक्त है।
केरल
5- कप्पड़ बीच (Kappad Beach) – कोझिकोड, केरल
वास्को डी गामा वर्ष 1498 में इस ऐतिहासिक स्थल पर उतरे थे। अपनी सुनहरी रेत, शांत जल, समुद्री कछुओं के लिए घोंसले का स्थान, चट्टानी इलाका, शांत बैकवाटर्स, हरे-भरे नारियल के पेड़ और ऐतिहासिक महत्व इसे अनोखा बनाते हैं।
6- चल बीच (Chal Beach) – कन्नूर, केरल
वर्ष 2025 में नया प्रमाणित, प्राकृतिक सौंदर्य और साफ समुद्र से युक्त। हरे-भरे हरियाली और देवदार पेड़ों से घिरा पर्यटन का बेहतरीन उदाहरण, स्वच्छ और सुरक्षित। स्थानीय मछुआरों की संस्कृति और शांत सैर के लिए बेस्ट तथा सूर्यास्त देखने के लिए एक उत्कृष्ट स्थान है।
आंध्र प्रदेश
7- रूशिकोंडा बीच (Rushikonda Beach) – विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश
रूशिकोंडा बीच आंध्र प्रदेश का लोकप्रिय समुद तट है, अपनी सुनहरी रेत, पहाड़ियों से घिरा, नीला साफ पानी और जल क्रीड़ा जैसी गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। सर्फिंग और विंड सर्फिंग के लिए मशहूर।
ओडिशा
8- गोल्डन बीच (Golden Beach) – पुरी, ओडिशा
पुरी के पवित्र तट पर स्थित, सुनहरी रेत सैंड आर्ट के लिए प्रसिद्ध, धार्मिक महत्व वाला। सूर्यास्त दृश्य और समुद्र तट उत्सवों के लिए प्रसिद्ध, परिवारिक पर्यटन के लिए सुरक्षित।
B- सुनापुर (सोनापुर) (Sunapur Beach) बीच – गंजम, ओडिशा
ओडिशा के गंजम जिले में आंध्र प्रदेष की सीमा के पास स्थित है। साफ नीले पानी, पर्यावरणीय स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधाओं के लिए उच्च मानकों से युक्त। जेट स्कीइंग, पैरासेलिंग जैसे जल क्रीड़ाओं का केन्द्र, इको-रिट्रीट, शांत वातावरण और शानदार रिसॉर्ट प्राकृतिक दृश्यों की दृष्टि से लोकप्रिय समुद्री है। यह ओड़िशा राज्य का दूसरा ब्लू फ्लैग समुद्री तट है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
09- राधानगर बीच (Radhanagar Beach) – स्वराज द्वीप (हैवलॉक), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
एशिया का सबसे सुंदर सर्वश्रेष्ठ तटों में से एक, बारीक सफेद रेत और फ़िरोज़ा पानी और आश्चर्यजनक सूर्यास्त के दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। शांत वातावरण, जंगल से लगा हुआ, सी-लाइफ देखने लायक।
पुडुचेरी
10- ईडन बीच (Eden Beach) – पुडुचेरी
पुडुचेरी का पहला ब्लू फ्लैग तट, यह समुद्र तट अपनी सफेद रेत, साफ पानी और आसपास के नारियल के पेड़ों के लिए, जेट स्कीइंग और कयाकिंग, प्रकृति पथ, पक्षी दर्शन के लिए प्रसिद्ध है। पर्यावरण अनुकूल पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध हैं।
तमिलनाडु
11- कोवलम बीच (Kovalam Beach / Covelong) – चेंगलपट्टू (चेन्नई के पास), तमिलनाडु
चेन्नई के पास लंबा तट, साफ पानी और सर्फिंग स्पॉट। सस्टेनेबल टूरिज्म के साथ योग बांस के आश्रय सुविधाएं उपलब्ध। सर्फिंग के लिए मशहूर, मछली पकड़ने वाले गांव का आकर्षण।
लक्षद्वीप
12- मिनिकॉय थुंडी बीच (Minicoy Thundi Beach) – मिनिकॉय द्वीप, लक्षद्वीप
मिनिकॉय द्वीप पर स्थित, प्रवाल भित्तियों (कोरल रीफ्स) और उष्णकटिबंधीय मछलियों से भरपूर। क्रिस्टल क्लियर लैगून, डाइविंग-स्नॉर्कलिंग लोकल कल्चर एक्सपीरियंस के लिए बेहतरीन।
13- कदमत बीच (Kadmat Beach) – कदमत द्वीप, लक्षद्वीप
लंबा सफेदा रेतीला तट, साफ पानी, कोरल रीफ्स और सफेद रेत का स्वर्ग। स्नॉर्कलिंग, स्कूबा और सनबाथिंग के लिए परफेक्ट, आसपास के जल में विविध प्रकार के समुद्री जीवन पाए जाते हैं जो इसे गोताखोरी के लिए एक उत्कृष्ट स्थल बनाते हैं।
महाराष्ट्र (2025 में नए जोड़े गए)
14- श्रीवर्धन बीच (Shrivardhan Beach – रायगढ़, महाराष्ट्र
2025 में नया, कोंकण तट का मोती। कोकण क्षेत्र का खूबसूरत शांत तट, विविध वनस्पतियां , ऊँचे पहाड़, डोल्फिन देखने की संभावना। साफ रेत, सागर की लहरें और फोर्ट व्यू। बोटिंग, कयाकिंग, स्कूबा डाइविंग, सस्टेनेबल फैसिलिटीज के साथ फैमिली फ्रेंडली के लिए प्रसिद्ध है।
15- नागांव बीच (Nagaon Beach) – रायगढ़ (अलिबाग के पास), महाराष्ट्र
अलिबाग क्षेत्र का लोकप्रिय घुमावदार तट, नारियल के पेड़ों से घिरा। वाटर स्पोर्ट्स और बीच वॉकिंग के लिए आदर्श, पर्यावरण संरक्षण पर जोर।
16- परनाका बीच (Parnaka Beach) – पालघर (दहानु), महाराष्ट्र
वेस्ट कोस्ट का छिपा रत्न, शांत पानी और सूर्याेदय दृश्य। कम भीड़, साफ पानी, स्थानीय मछुआरों का इलाका। इको-टूरिज्म और बर्ड वॉचिंग स्पॉट।
17- गुहागर बीच (Guhagar Beach) – रत्नागिरि, महाराष्ट्र
लंबी सफेद रेतीली पट्टी, बेहद शांत और साफ, नीले पानी और हरी-भरी हरियाली के लिए प्रसिद्ध तैराकी और धूप सेंकने और खूबसूरत सूर्यास्त की दृष्टि से लोकप्रिय समुद्री तट। साफ-सुथरा और सेफ्टी मेजर्स के साथ पर्यटक सुविधाएं।
18- लाडघर बीच (Ladghar Beach) – रत्नागिरि (दापोली के पास), महाराष्ट्र
कोंकण की शांति का प्रतीक, लाल रेत, शानदार सूर्यास्त, शांत स्वच्छ, प्राकृतिक सौंदर्य, शांत वातावरण और अद्भुत सूर्यास्त, कम भीड़, सस्टेनेबल प्रैक्टिसेस के साथ लोकल फूड एंजॉयमेंट की दृष्टि से बेहतरीन बीच है।
ये सभी तट ये समुद्र तट स्वच्छता, जैव विविधता संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यटकों की सुरक्षा के उच्च मानकों को पूरा करते हैं। व्हीलचेयर सुविधा, सोलर लाइटिंग, CCTV, शौचालय, चेंजिंग रूम, बचावकर्मी आदि की व्यवस्था है। इन तटों पर पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम भी चलते हैं।
